Budget Management of Home : घर का मैनेजमेंट किसी कंपनी के मैनेजमेंट से कम नहीं होता और इसके साथ ही ये मनी मैनेजमेंट के लिए भी बड़ा अहम हो चला है. अगर आप नौकरीपेशा हैं या बिजनेस चलाते हैं तो भी आपको हर महीने एक निश्चित रकम चाहिए होगी जिससे आप घर चला सकें. हालांकि आजकल लोगों को एक बड़ी दिक्कत इस मामले में सामने आ रही है कि घर का बजट ठीक से मैनेज नहीं हो पाता. ये दिक्कत क्यों आती है और कैसे इससे बचा जा सकता है, ये आप यहां सीख सकते हैं.
बजट का कॉन्सेप्ट घर के हर सदस्य को समझाएं
किसी भी घर में अगर पैसे के बारे में स्वस्थ चर्चा नहीं होगी तो ये कभी ना कभी आर्थिक खतरे की वजह बन सकता है, लिहाजा जरूरी है कि घर के सदस्य (बच्चे भी) इस प्रकार की चर्चा में हिस्सा लें. आपको कम से कम हफ्ते में एक बार तो सभी के साथ बैठकर घर में हो रहे खर्चों का हिसाब-किताब देखना चाहिए. घर के बच्चों को भी इस बजट के कॉन्सेप्ट से परिचित कराएं ताकि वो अनापशनाप खर्च के जाल में फंसने से बचें और समझें कि पैसा की कदर करना कितना जरूरी है.
पहले निवेश, फिर खर्च की सोच को अपनाएं
पहले कमाई, फिर खर्च और फिर बचत के इस क्रम को थोड़ा बदलने की आवश्यकता है इसलिए अब हमें पहले कमाई के बाद निवेश को लाना चाहिए और फिर खर्चों को पूरा करना चाहिए. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पैसा हाथ में आते ही सभी खर्चों को पूरा करने की आतुरता बढ़ जाती है जिसके चलते बचत का लक्ष्य कहीं पीछे छूट जाता है।
समझें बचत और निवेश का अंतर
बचत और निवेश का अंतर समझकर काम करें क्योंकि आपके खाते में पड़ा पैसा या घर में बचाया गया धन आपको भविष्य की जरूरतों के लिए पूरी तरह सुरक्षा नहीं दे पाता है. सिर्फ पैसा बचाना ही जरूरी नहीं है बल्कि उसे निवेश करके भी आपको आगे के लिए और बढ़ाने की जरूरत है. निवेश को इस बारे में पूरी तरह सोचकर करें कि ये आगे चलकर आपको कैसा रिटर्न देने वाला है.
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